क्या भारत में टेस्ला की एंट्री से मार्केट में बिगड़ेगी महिंद्रा की चाल? कंपनी के शेयर में 17 परसेंट की गिरावट बाद बढ़ी डी-रेटिंग

Tesla Price in India: टेस्ला के भारतीय बाजारों में एंट्री की तेज होती अटकलों के बीच पिछले दो हफ्ते में महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में लगभग 17 परसेंट तक की गिरावट आई है. 

इस पर CLSA एनालिस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, अगर हम यह मान भी लें कि टेस्ला भारत में 25 लाख रुपये से कम कीमत के ऑन रोल मॉडल को लॉन्च करती है और बाजार में अपनी हिस्सेदारी हासिल करती है. फिर भी हमारा मानना है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा की हाल ही में की गई डी-रेटिंग से इसकी कीमत पहले से ही तय हो चुकी है. हमें नहीं लगता कि टेस्ला के आने से मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर्स इंडिया या टाटा मोटर्स पर कोई खास असर पड़ेगा.

प्रीमियम सेगमेंट में आएंगी टेस्ला की कारें

भारत में टेस्ला की एंट्री होने की खबरों के बीच ब्रोकरेज फर्म CLSA ने तर्क दिया है कि टेस्ला के कारों की कीमत, इम्पोर्ट ड्यूटी और उपभोक्ताओं की पसंद देश की ऑटो इंडस्ट्री पर कंपनी के प्रभाव को काफी हद तक सीमित कर देगी. टेस्ला की अधिक कीमत के चलते इसकी कारें प्रीमियम सेगमेंट में आती हैं, जिससे यह अधिकतर भारतीय उपभेक्ताओं की पहुंच से बाहर है. CLSA ने कहा, भारत में कारें औसतन लगभग 14,000 डॉलर की कीमत में बिकती हैं, जबकि टेस्ला के सबसे सस्ते मॉडल की ही कीमत लगभग 35,000 डॉलर है. 

इस वजह से होगी टेस्ला की कीमत अधिक

रिपोर्ट में कहा गया, अगर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की भी जाती है तो भी भारत में टेस्ला की ऑन-रोड कीमत अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के मुकाबले अधिक होगी.  भारत के टैरिफ स्ट्रक्चर की भी वजह से भी काफी दिक्कतें होंगी. मौजूदा समय में 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर लगभग 110 परसेंट की दर से टैरिफ लगता है, जबकि इससे कम कीमत वाले वाहनों पर 60 परसेंट टैरिफ लगता है. अगर सरकार इसमें 15-20 परसेंट तक की कटोती कर भी दे, तो टेस्ला की कीमत देश में बनने वाली ईवी कारों के मुकाबले अधिक ही होगी. 

 

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