Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात का खुलासा किया है कि एप्पल के सीईओ टिम कुक का प्लान मैन्युफैक्चरिंग मेक्सिको से अमेरिका शिफ्ट करने का है. एक रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. बताया जा रहा है कि गवर्नरों की एक मीटिंग में ट्रंप ने इस बात का खुलासा किया. हालांकि, कंपनी ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
कुक ने डोनाल्ड ट्रंप से किया यह वादा
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कुक के साथ हाल ही में हुई एक बैठक का हवाला देते हुए कहा कि एप्पल ने मैक्सिको में अपने दो प्लांट बंद कर दिए हैं और इसके बदले अब अमेरिका में प्रोडक्ट्स बनाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कुक ने वादा किया है कि ऐप्पल अमेरिका में करोड़ों डॉलर का निवेश करेगा. ट्रंप के हवाले से ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ”वह (कुक) तैयारी करने लगे हैं. करोड़ों का निवेश होगा- आपको इस बारे में उनसे बात करनी होगी. मुझे लगता है कि वह कभी भी इसका ऐलान कर सकते हैं. कंपनी टैरिफ में शामिल नहीं होना चाहती है.”
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि ट्रंप किस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का जिक्र कर रहे हैं. हालांकि, यह बताया गया है कि ऐप्पल के पार्टनर फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप की मेक्सिको में बड़ी उपस्थिति है और कंपनी वहां अपना दायरा बढ़ाने का विचार कर रही है. फॉक्सकॉन एशिया में आईफोन का प्रोडक्शन करता है और ऐप्पल अभी भी अपने प्रोडक्शन के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है.
यूएस-चीन के टैरिफ वार से ऐप्पल को नुकसान
अब सवाल यह है कि ट्रंप के टैरिफ लगाने का असर ऐप्पल पर कितना होगा? इस बीच, यूएस और चीन में टैरिफ वार से ऐप्पल को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. ट्रंप ने चीन से आयात वस्तुओं पर 10 परसेंट टैरिफ लगाने की घोषणा की है. यह ऐप्पल के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. इससे ऐप्पल की बिक्री धीमी पड़ सकती है. बताया जा रहा है कि अब चीन भी ऐप्पल के ऐप फीस और पॉलिसी की जांच करने पर विचार कर रहा है. इससे मामला और जटिल होता जा रहा है क्योंकि चीन कंपनी का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब है, जबकि अमेरिका इसका सबसे बड़ा मार्केट है.
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